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बज्म-ए-कासमी के कैलेंडर पर अब ईद बाद निर्णय शहरकाजी के प्रतिनिधि की मध्यस्थता के बाद थमा विवाद।

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बज्म-ए-कासमी के कैलेंडर पर अब ईद बाद निर्णय शहरकाजी के प्रतिनिधि की मध्यस्थता के बाद थमा विवाद। ●पुराने कैलेेंडर का समर्थन करने वाले मुफ्ती ने भी बदला पाला। ●बज्म-ए-कासमी ने रमजान से पहले कैलेंडर जारी कर सहरी व इफ्तार की नया समय घोषित कर दिया था। ●दोनों पक्ष पुराने व नए कैलेंडर को देकर अपने-अपने तर्क दे रहे थे। ●शहरकाजी मौलाना कमर शाहजंहापुरी के प्रतिनिधि सैय्यद मोहम्मद अतहर ने दोनों पक्षों के बीच मध्यस्थता करते हुए विवाद को शांत कराया। ●इस दौरान विचार-विमर्श कर वर्ष भर का नया कैलेंडर तैयार किया जाएगा। ●अवाम यह सवाल कर रही है कि अगर यह कैलेंडर सही है तो फिर पिछले वर्षों मे सहरी व इफ्तार गलत किया जा रहा था। ●वहीं शहरकाजी मुफ्ती यूनुस रजा का कहना है कि सहरी व इफ्तार के समय में एहतियात जरूरी है। कानपुर:बज्म-ए-कासमी बरकाती के कैलेंडर को लेकर शुरू हुआ विवाद फिलहाल थम गया है। अब ईद के बाद इस पर फैसला लिया जाएगा। बज्म-ए-कासमी ने रमजान से पहले कैलेंडर जारी कर सहरी व इफ्तार की नया समय घोषित कर दिया था। शहरकाजियों ने इसे नामंजूर करते हुए रोजेदारों से भी इस पर पालन ना करने की अपील की थी।इस बीच शह...

मुंशी/मौलवी परीक्षा 17 फरवरी से शुरू।

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मुंशी/मौलवी परीक्षा 17 फरवरी से शुरू। ●दो पालियों में (प्रथम पाली प्रातः 08:00 बजे से 11:00 बजे तक, द्वितीय पाली अपरान्ह 02:00 बजे से 05:00 बजे तक) सम्पन्न होनी है।  ●जिलाधिकारी की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया गया है। ●परीक्षा में आलिया स्तर के मान्यता प्राप्त 59 मदरसे। ●कुल 08 परीक्षा केन्द्र बनाये गये है।   कानपुर: जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी /जिला मदरसा शिक्षा अधिकारी पवन कुमार सिंह ने बताया कि उ०प्र० मदरसा शिक्षा परिषद, लखनऊ द्वारा संचालित मुंशी/मौलवी (सेकेण्डरी अरबी एवं फारसी) एवं आलिम (सीनियर सेकेण्डरी अरबी एवं फारसी) की परीक्षा वर्ष 2025 की परीक्षाएं दिनांक 17 फरवरी, 2025 से 22 फरवरी, 2025 तक दो पालियों में (प्रथम पाली प्रातः 08:00 बजे से 11:00 बजे तक, द्वितीय पाली अपरान्ह 02:00 बजे से 05:00 बजे तक) सम्पन्न होनी है।                     उन्होंने बताया कि परिषद द्वारा परीक्षा को सकुशल सम्पन्न कराये जाने हेतु जिलाधिकारी की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया गया है। उक्त परीक्षा में आलिया स्तर के मान्यता प्राप्...

हजरत सैय्यद बदीउद्दीन जिंदाशाह ऐसे शांतिदूत थे, जिन्होंने पूरे भारत में शांति का पैगाम दिया:ज़िलाधिकारी।

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हजरत सैय्यद बदीउद्दीन जिंदाशाह ऐसे शांतिदूत थे, जिन्होंने पूरे भारत में शांति का पैगाम दिया:ज़िलाधिकारी। ●यह 606 वां ऐतिहासिक मेला है। ●जिंदाशाह की मजार पर जिलाधिकारी ने चादर चढ़ाकर माथा टेंका। ●जिलाधिकारी ने ऐतिहासिक मजार पर स्थित म्युजियम भी देखा। ●यह उत्तर भारत के घोड़ों के खरीद- फरोख्त का सबसे बड़ा मेला है। ●मेले में सभी धर्मों के लोग शिरकत करते हैं,जो सर्वधर्मसमभाव को दर्शाता है।  कानपुर:जिलाधिकारी व मेला प्रशासक श्री जितेन्द्र प्रताप सिंह ने आज बसंत मेला,मकनपुर का उद्घाटन किया एवं मां सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया । यह 606 वां ऐतिहासिक मेला है, जिसके समीप स्थित हजरत सैय्यद बदीउद्दीन जिंदाशाह की मजार पर जिलाधिकारी ने चादर चढ़ाकर माथा टेंका। जिलाधिकारी ने ऐतिहासिक मजार पर स्थित म्युजियम भी देखा।       इस अवसर पर जिलाधिकारी ने कहा कि हजरत सैय्यद बदरुद्दीन जी  ऐसे शांतिदूत थे, जिन्होंने पूरे भारत में शांति का पैगाम दिया। यह उत्तर भारत के घोड़ों के खरीद- फरोख्त का सबसे बड़ा मेला है। मेले में सभी धर्मों के लोग शिरकत करते हैं,जो सर्वधर्मसमभाव को ...